nitin bhansali
Thursday, July 22, 2010
समय
समय बोहत तेज चल रहा है, वही सुबह वही दोपहर वही शाम और फिर वही रात, हर रोज हमारी जिंदगी का एक दीन कम होता जा रहा है. क्यों न हम इसका सदुपयोग करे.
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