Thursday, July 22, 2010

समय

समय बोहत तेज चल रहा है, वही सुबह वही दोपहर वही शाम और फिर वही रात, हर रोज हमारी जिंदगी का एक दीन कम होता जा रहा है. क्यों न हम इसका सदुपयोग करे.

No comments:

Post a Comment